आईएएस की सफलता की कहानी आज हमें उस व्यक्ति के बारे में सुनाती है, जो गरीबी और संघर्षों का सामना करते हुए भी नहीं हारा। इस कहानी का मुख्य किरदार है आईएएस के. जयगणेश, जो यूपीएससी की तैयारी करते रहे, लेकिन 6 बार फेल हो गए। इस बीच, उन्हें आईबी की नौकरी का ऑफर मिला, लेकिन वे अपने मिशन को पूरा करने के लिए फिर से तैयारी में जुट गए, और 7वें प्रयास में आईएएस अफसर बन गए।
जयगणेश की कहानी सच में एक प्रेरणादायक संघर्ष का परिणाम है। उन्होंने स्वयं को हारने का विचार तक नहीं किया, बल्कि उन्होंने हमेशा मेहनत और आत्मविश्वास को महत्व दिया। ‘संघर्ष पथ पर जो मिले, ये भी सही, वो भी सही’ – यह उन लोगों को समर्पित है जो अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए किसी भी मुश्किल का सामना करते है.
आज के समय में, यूपीएससी की तैयारी करने वाले लाखों युवा हैं। कुछ के पास सब कुछ हो सकता है, लेकिन कुछ के पास गरीबी और संघर्ष के साथ-साथ अपने सपनों को पूरा करने का जज्बा है। जयगणेश की कहानी एक सच्ची प्रेरणा है कि सपनों को पाने के लिए आपको अपने आत्म-सामर्थ्य को विकसित करना होगा, और हार नहीं मानना होगा।
जयगणेश का जन्म तमिलनाडु के वेल्लोर जिले में हुआ था, जहां वह एक छोटे से गांव में रहते थे। उनका परिवार आर्थिक रूप से कमजोर था, लेकिन जयगणेश के मानसिक और शारीरिक हौंसले मजबूत थे। उन्होंने हमेशा अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रयास किया और कभी भी हार नहीं मानी।