UPSC की सफलता की कहानी बहुत से लोगों के लिए प्रेरणादायक होती है। एक ऐसी ही कहानी है रुकमणि रियार की, जो बिना किसी कोचिंग के और सेल्फ स्टडी करते हुए UPSC की परीक्षा में सफल हुईं।

रुकमणि रियार की कहानी उसी तरह की है, जैसे कि अनेक लोगों की। उन्होंने 6वीं कक्षा में फेल होने के बाद भी स्टडी के लिए डर का सामना किया। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और स्वयं को प्रेरित करके आगे बढ़ा। उनकी मेहनत और संघर्ष ने उन्हें साल 2011 में IAS अफसर बना दिया।

रुक्मणि रियार

यह सच है कि जीवन में सफलता हासिल करने के लिए अच्छे अंक लाने की ज़रूरत नहीं होती। रुकमणि रियार ने भी अपने जीवन में कई मुश्किलों का सामना किया, लेकिन उन्होंने आगे बढ़ने का हिम्मत और साहस दिखाया।

उन्होंने स्कूली शिक्षा के दौरान सामान्य छात्रा के रूप में अपने आप को स्थापित किया, लेकिन उन्होंने कभी अपने सपनों को त्यागने का मन नहीं किया। उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें उस मुकाम तक पहुंचाया जहां से वे अपने सपनों को पूरा कर सकती थीं।

रुकमणि रियार की कहानी साबित करती है कि हार और असफलता के बाद भी संघर्ष और मेहनत से आप किसी भी मुश्किल का सामना कर सकते हैं और सफल हो सकते हैं। उनकी इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें किसी भी परिस्थिति में हार नहीं माननी चाहया

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