आज भले ही बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे हर गली मोहल्ले की दीवार पर पढ़ने को मिल जाते हों या फिर आम लोग ये दम भी भर रहे हों कि वे बेटा-बेटी में कोई अंतर नहीं रखते, इसके बावजूद भी बहुत से लोग बेटों को प्राथमिकता देते हैं. कई लोग ऐसे भी हैं जो बेटी तो चाहते हैं लेकिन उसके साथ ये भी चाहते हैं कि उन्हें पहला बेटा ही हो. आज भी ऐसे बहुत से लोग हैं जो बेटी को जन्म से पहले मार देते हैं.
ऐसे सभी लोगों के लिए झारखंड के एक दंपती ने मिसाल पेश की है. इस दंपती ने उन सभी को आईना दिखाया है जो आज के प्रगतिशील दौर में भी बेटियों को बेटों से कम आँकते हैं. झारखंड की कोल नगरी के नाम से मशहूर धनबाद जिले के दंपती अशोक और प्रिया ने उन लोगों को एक सबक सिखाया है जो बेटियों के जन्म पर दुखी हो जाते हैं.
न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार अशोक और प्रिया के घर एक नन्ही परी ने जन्म लिया है. बेटी के जन्म के बाद दंपती कुछ इस तरह से खुशी मनाई कि उनके इस जश्न को पूरा शहर देखता रह गया. धनबाद के निजी अस्पताल में पुटकी के रहने वाले अशोक कुमार की पत्नी प्रिया कुमारी ने जब बेटी को जन्म दिया तो ये खबर सुनते ही अशोक का पूरा परिवार खुशी से झूम उठा.
गाजे-बाजे के साथ बेटी को लाए घर
सबसे पहले परिवार ने अस्पताल में मिठाई बांटी. इसके बाद उन्होंने अपनी नवजात बेटी का कुछ इस तरह स्वागत किया कि लोग देखते रह गए. वे अपनी बेटी को अनोखे अंदाज में घर लाए. नए मेहमान को घर ले जाने के लिये उन्होंने गाजे-बाजे का इंतजाम किया और अपने वाहन को रंग बिरेंगे बैलून फूल से सजाया. इसी सजी हुई गाड़ी में उन्होंने अपनी बेटी को अस्पताल से विदा किया और घर ले गए.
हमेशा से चाहते थे एक बेटी
अशोक के इस सराहनीय कार्य को देखते हुए अस्पताल कर्मी से लेकर डॉक्टर तक सभी बेहद खुश दिखे. सभी ने माता-पिता और पूरे परिवार को बहुत बधाई दी. इस मौके पर अशोक कुमार ने कहा कि पहले से उनको एक बेटा है. वो और उनकी पत्नी हमेशा से एक बेटी चाहते थे. अब जब उनके घर बेटी ने जन्म लिया है तो वो अपनी खुशी का इजहार करने से खुद को रोक नहीं पा रहे.
जैसे ही बेटी जन्मी तो अशोक की पत्नी ने कहा लक्ष्मी आई है, उसे धूमधाम से अस्पताल से घर लेकर जाएंगे. इसके बाद इसकी तैयारियां पूरी की गई. आज ये परिवार बहुत खुश है. अस्पताल के डॉक्टर यूएस प्रसाद ने इस मौके पर कहा कि अशोक को बेटी होने पर पूरे अस्पताल के लोगों में मिठाईयां बांटी. बच्ची स्वस्थ है. उन लोगों का कहना था कि लक्ष्मी आई है और इसे हम शान से घर ले जाएंगे. जब कोई ऐसे मिसाल पेश करता है तो देख कर बहुत खुशी होती है.