यूपीएससी परीक्षा का सफर किसी के लिए साधारण हो सकता है, लेकिन अक्षत जैन ने अपने इस सफर में विशेषता और प्रेरणा का साथ बनाया। वे साल 2018 में अपने दूसरे प्रयास में यूपीएससी सीएसई परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक टू के साथ उत्कृष्टता की ऊंचाइयों को छूने में सफल रहे। लेकिन इस उपलब्धि के पीछे छिपी उनकी मेहनत और लगन की कहानी हमें इनस्पिरेशन देती है।
अक्षत जैन की यह उपलब्धि उनके पहले प्रयास के विफलता के बावजूद भी उनकी अद्भुत आत्मविश्वास और परिश्रम को दर्शाती है। साल 2017 में, जब उन्होंने पहली बार प्री परीक्षा दी थी, तब उनका सेलेक्शन दो अंकों से नहीं हुआ था। लेकिन इस विफलता ने उन्हें हिम्मत नहीं हारने दी, बल्कि उन्होंने इसे एक नई शुरुआत के रूप में ग्रहण किया।
अपनी दूसरी कोशिश में, अक्षत ने अपनी मेहनत और समर्पण के साथ पूरी तैयारी की। वे न केवल प्रीमियम परीक्षा के लिए बल्कि मुख्य परीक्षा के लिए भी बेहतरीन रणनीति बनाई। उन्होंने नोट्स तैयार किए, आंसर राइटिंग का प्रैक्टिस किया, और निरंतर टेस्ट दिए।
अक्षत की सलाह में भी एक विशेष महत्व है। उन्होंने यूपीएससी की तैयारी के दौरान धैर्य और आत्म-संशोधन की महत्वपूर्णता को स्वीकारा। वे स्टैंडर्ड बुक्स के अलावा ऑनलाइन सोर्सेस का भी उपयोग किया, लेकिन सावधानी से।
उन्होंने अपनी तैयारी के दौरान किसी भी समय अपना आत्मविश्वास नहीं खोया और हमेशा मेहनत और उत्साह से काम किया। उनकी यह सफलता उनके परिश्रम और संघर्ष का प्रतिफल है, जो हमें यह सिखाती है कि सच्ची मेहनत और निरंतर प्रयास हमें मनचाहे लक्ष्यों तक पहुँचा सकते हैं।