हम सब के जीवन में पहले मार्गदर्शक होते हैं, हमारे माता-पिता, जिनकी बातें अक्सर हमारे सफल जीवन के मार्गदर्शक बन जाती हैं। ऐसी ही एक बेटी की आज हम बात करेंगे, जिसकी पिता की एक बात से जिंदगी बदल गई। यूपीएससी की तैयारी करने वाले छात्रों को पहले से ही जानकारी दी जाती है कि यह परीक्षा कितनी कठिन है, और सलाह यह भी दी जाती है कि कोई दूसरा विकल्प अपने हाथ में अवश्य रखे। ऐसी ही छात्रा की कहानी है, जिन्होंने अपने पिता के सुझाव को मानकर अपने सपनों को साकार किया।
सोनल गोयल, जो हरियाणा के पानीपत में जन्मी थीं, की स्कूली शिक्षा दिल्ली में हुई और उन्होंने ग्रेजुएशन दिल्ली यूनिवर्सिटी के एक कॉलेज से की थी। सोनल को सिविल सर्विसेज की परीक्षा के बारे में कोई भी जानकारी नहीं थी। फिर एक मैगजीन में सिविल सेवा के आर्टिकल से उन्हें प्रेरणा मिली और उन्होंने आईएएस बनने का फैसला किया।
सोनल ने अपने पिता को बताया कि वह सिविल सर्विसेज में प्रवेश लेना चाहती हैं, लेकिन उनके पिता नहीं चाहते थे कि वे यूपीएससी की तैयारी करें। वे जानते थे कि यूपीएससी की परीक्षा काफी कठिन होती है। लेकिन उनके पिता ने एक बात कही, “तुम यूपीएससी की परीक्षा देना चाहती हो तो दो, लेकिन कोई दूसरा विकल्प भी तैयार रखो।” यह एक छोटी सी बात सोनल की जिंदगी को बदल दी।
सोनल ने अपने पिता की सलाह को मानकर यूपीएससी की तैयारी की और साथ ही वे दिल्ली यूनिवर्सिटी से एलएलबी में एडमिशन ले लिया और एक फर्म में कंपनी सचिव के रूप में नौकरी भी शुरू की। उन्होंने 2006 में पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी, हालांकि वह सफल नहीं हो पाईं, फिर उन्होंने 2007 में फिर से परीक्षा दी और ऑल इंडिया में 13वीं रैंक हासिल की और आईएएस अधिकारी बनीं।
सोनल गोयल की कहानी हमें यह सिखाती है कि माता-पिता की सलाह का महत्व कितना होता है। उनके पिता की एक छोटी सी बात ने ही सोनल की जिंदगी को पूरी तरह से बदल दिया। इससे हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें अपने प्रियजनों की सलाह का महत्व नहीं भूलना चाहिए, क्योंकि वे हमारे भविष्य के लिए हमें सही दिशा में ले जा सकते हैं।