अंसार, एक व्यक्ति जिन्होंने अपनी मेहनत और उत्साह से जीवन की मुश्किलों को पार किया, उनकी कहानी से ज्यादा अद्भुत कुछ होना मुमकिन नहीं है। वे एक छोटे से गांव में रहते थे, जहां परिवार की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर थी। पिता अहमद शेख ऑटो रिक्शा चलाते थे और मां दूसरों के खेतों में काम करती थीं। इस संघर्षपूर्ण परिस्थिति में भी, अंसार के पिता को उनकी पढ़ाई का समर्थन करने वाले गुरु मिले, जिन्होंने अंसार के सपनों को पूरा करने के लिए उन्हें प्रेरित किया।
जब अंसार 10वीं में थे, तब उन्हें कंप्यूटर सीखने का दिल था, लेकिन उस समय कंप्यूटर क्लास की फीस उनके लिए अधिक मुश्किल थी। उनके दोस्तों ने उन्हें साथ खड़ा किया और उन्हें वेटर की नौकरी मिली, जिसमें उन्हें रोज 2 घंटे का ब्रेक मिलता था। यही ब्रेक अंसार के लिए कंप्यूटर सीखने का मौका बना। उन्होंने अपने इच्छाशक्ति और लगन के साथ इस ब्रेक का सही इस्तेमाल किया और कंप्यूटर की ज्ञान में सुधार किया।
अंसार की जिंदगी में कई संघर्षों के बाद, उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की। वे अपनी मेहनत और लगन से पढ़ाई करते रहे, और उनके साथी उन्हें सहारा देते रहे। 2015 में, उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में प्रथम प्रयास में ही 361वीं रैंक हासिल की। इस परीक्षा के परिणामों के बाद, जब उन्हें अपने परीक्षा शुल्क के लिए पैसे नहीं थे, तो उनके दोस्तों ने उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान की।
अंसार की कहानी हमें यह सिखाती है कि सपनों को पूरा करने के लिए सिर्फ उत्साह और लगन ही काफी नहीं होती। साथ ही, उन्हें सही मार्गदर्शन और साथीजनों का सहयोग भी मिलना चाहिए। अंसार ने अपने जीवन के हर पल में संघर्ष किया, और उनका उदाहरण हमें यह बताता है कि किसी भी सपने को पूरा करने के लिए हमें हार नहीं माननी चाहिए।