प्रदीप द्विवेदी की कहानी एक प्रेरणादायक उदाहरण है, जो अपने संघर्षों के बावजूद अपने सपनों को साकार करने में सफल रहे। उनका अनुभव दिखाता है कि यूपीएससी की परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए सेल्फ स्टडी कितना महत्वपूर्ण होता है।

यूपीएससी की परीक्षा पास करना और आईएएस अधिकारी बनना अपने आप में ही एक बड़ी उपलब्धि है। इस प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षा में सफल होने के लिए अभ्यर्थी को कड़ी मेहनत, अनुशासन और लक्ष्य को पाने की जिद की जरूरत होती है। लाखों अभ्यर्थी इस परीक्षा में बैठते हैं, लेकिन सफलता काफी कम को ही मिल पाती है।

प्रदीप द्विवेदी

प्रदीप द्विवेदी, बुंदेलखंड के रहने वाले एक साधारण परिवार से आते हैं। उनके पिता एक किसान और मां गृहिणी हैं। उन्होंने बचपन से ही कई संघर्षों का सामना किया, लेकिन उन्होंने कभी पढ़ाई को छोड़ा नहीं। उन्होंने भोपाल से इंजीनियरिंग की और मध्य प्रदेश के इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट में नौकरी पाई।

प्रदीप की रुचि यूपीएससी की परीक्षा में थी, और उन्होंने तय किया कि वह केवल दो बार परीक्षा में भाग लेंगे। लेकिन दो बार में सफलता नहीं मिलने पर उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने तीसरी बार यूपीएससी की परीक्षा दी और देशभर में 74वीं रैंक हासिल की।

प्रदीप का मानना है कि यूपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए सेल्फ स्टडी बेहद जरूरी है। अभ्यर्थियों को परीक्षा के सिलेबस और पैटर्न की जांच करनी चाहिए और अपनी तैयारी को उसके अनुसार करना चाहिए। उनका मानना है कि अभ्यर्थी अपने आप को अपडेट रखें और सेल्फ स्टडी पर ज्यादा ध्यान दें, क्योंकि इस परीक्षा को क्लियर करने के लिए सेल्फ स्टडी करना बेहद जरूरी है।

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