समाज में परिवर्तन लाने का सपना देखकर उत्कर्ष कुमार ने निजी नौकरी को छोड़कर सिविल सेवा में कदम रखा। उन्होंने अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में लगभग 2 साल का समय निवेश किया और उसका अंत भी सफलता से सम्मिलित हुआ।
आईएएस के टॉपर उत्कर्ष कुमार की सफलता कहानी हमें एक बार फिर साबित करती है कि यूपीएससी में सफलता पाने के लिए आदमी को अपने सपनों के लिए नौकरी को त्यागने की तैयारी करनी पड़ती है।
उत्कर्ष कुमार के जैसे लोग उस बड़े समाजिक परिवर्तन के साधन बनते हैं, जिन्होंने अपने व्यक्तिगत करियर की परीक्षा की और सिविल सेवा को अपनाया। उन्होंने सालाना 29 लाख रुपये की नौकरी को छोड़ा और अपने सपनों को पूरा करने के लिए उसके लिए महत्वपूर्ण समझा।
उत्कर्ष कुमार झारखंड के हजारीबाग से हैं और उन्होंने अपने अध्ययन को हमेशा उत्तेजित और निरंतर बनाए रखा। उन्होंने इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की और फिर एक अच्छी कंपनी में नौकरी प्राप्त की। लेकिन फिर भी उन्होंने अपने सपनों को प्राप्त करने के लिए सिविल सेवा की तैयारी की।
उत्कर्ष कुमार ने अपनी तैयारी को मजबूत करने के लिए सही रणनीति अपनाई। उन्होंने हर विषय को बराबरी के साथ समय दिया और बैलेंस्ड तैयारी की। उन्होंने नियमित अभ्यास और नोट्स बनाने के साथ-साथ अंसर राइटिंग का भी महत्व जाना।
उत्कर्ष कुमार का संघर्ष और सफलता उन्हें इंटरव्यू तक पहुंचाया। उन्होंने अपने इंटरव्यू में बड़ा दिल्ली नॉलेज ट्रैक पाया और इसके बाद उन्हें अपना सपना पूरा करने का अवसर प्राप्त हुआ।
उत्कर्ष कुमार के अनुसार, सफलता प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को सकारात्मक रहना चाहिए और उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए। उन्होंने महत्वपूर्ण रणनीतियों का पालन किया और कड़ी मेहनत करते हुए सफलता प्राप्त की। उनकी कहानी हमें यह सिखाती है कि संघर्ष, मेहनत, और उत्साह से अगर कोई अपने सपनों की ओर बढ़ता है, तो वह अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल होता है।