सौम्या गुरुनानी ने यूपीएससी सीएसई परीक्षा के कुल चार प्रयास किए, जिनमें से दो में उनका सेलेक्शन हुआ। उनकी यह उपलब्धि उत्तराखंड के लिए गर्व का विषय बन गई है।
सौम्या का परिचय:
सौम्या गुरुनानी, 2018 के टॉपर, उत्तराखंड के छोटे से गाँव अल्मोड़ा से हैं। उनका सफर यूपीएससी की परीक्षा को पास करने में काफी मेहनत और उतार-चढ़ाव से भरा रहा। लेकिन उनकी व्यक्तित्व से अजाना नहीं जाता। सौम्या का मानना है कि यह सफर आपको निखारता है और आपको परिपक्व बनाता है। उन्होंने अपनी सफलता के बारे में दिल्ली नॉलेज ट्रैक के इंटरव्यू में अपने अनुभव साझा किए।
सौम्या का सफर:
सौम्या की पढ़ाई-लिखाई की शुरुआत उनके गाँव में ही हुई, फिर उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए रुड़की जाना चुना। वहाँ से उन्हें बेहतर नौकरी का मौका मिला। हालांकि, उनके परिवार को लगता था कि वे यूपीएससी की परीक्षा देनी चाहिए। उन्होंने खुद को कंप्यूटर के सामने काम करने के लिए तैयार नहीं किया था, लेकिन अंततः उन्होंने अपने दिल की सुनी और यूपीएससी की तैयारी शुरू की। पहले प्रयास में सौम्या ने मेन्स तक पहुंचा लेकिन आगे नहीं बढ़ पाई। दूसरे प्रयास में उनका प्री भी क्लियर नहीं हुआ। तीसरे में उन्होंने आईपीएस पद के लिए सेलेक्ट हो गईं, लेकिन वे अपनी तैयारी जारी रखी। अंततः चौथे अटेम्प्ट में सौम्या ने 2018 में 30वीं रैंक के साथ आईएएस पद के लिए सेलेक्ट होने का सफर पूरा किया।
सौम्या का संदेश:
सौम्या कहती हैं कि सफलता पाना आसान नहीं होता, लेकिन धैर्य बनाए रखना बहुत जरूरी है। असफलताओं को सीख के रूप में ग्रहण करना चाहिए। इस सफर में मिलने वाले फेलियर आपको परिपक्व बनाते हैं और आपके व्यक्तित्व को निखारते हैं। इसलिए, असफलताओं को डरावने की बजाय उनसे सीखें और अगली बार और अच्छे से तैयार होकर उन्हें पार करें। सौम्या ने साझा किया कि शादी के बाद करियर के लिए संभावनाएं कम नहीं होती हैं, बस इरादे मजबूत होने चाहिए। उनके संदेश से साबित होता है कि नौकरी, परिवार, और शादी के बीच कोई भी अंतर नहीं होता। यदि आपकी प्राथमिकताएं स्पष्ट हैं और परिवार सहायक है, तो कोई भी कठिनाई आपको रोक नहीं सकती।
उम्मीद है कि सौम्या गुरुनानी की यह कहानी आपको प्रेरित करेगी और आप भी अपने सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत और आत्मविश्वास से भरपूर होंगे।