यूनियन पब्लिक सर्विस कमिशन (UPSC) की 2023 की परीक्षा में जयपुर के पुरूराज सिंह सोलंकी ने 21वीं रैंक हासिल की है। इस उपलब्धि के पीछे उनके संघर्ष और मेहनत की कहानी उन्हें सफलता के ऊंचाइयों तक पहुंचाई।

संघर्ष और उम्मीद: पुरूराज सिंह सोलंकी ने विशेष बातचीत में बताया कि उन्हें खुद उम्मीद नहीं थी कि 21 वीं रैंक मिल जाएगी। यह उनका दूसरा प्रयास था, इसलिए वे नर्वस थे। लेकिन उन्होंने कभी आत्मविश्वास नहीं खोया और मेहनत जारी रखी।

पुरुराज सिंह

मेहनत और फोकस: पुरूराज ने पढ़ाई पर पूरा फोकस किया और लगातार उन विषयों पर मेहनत की जिन पर उन्हें अध्ययन करना था। उन्होंने अपने लक्ष्य को बड़े-बड़े टारगेट्स में विभाजित किया और धीरे-धीरे उन्हें पूरा किया।

सफलता का राज: पुरूराज सिंह सोलंकी का कहना है कि आपके हाथ में जो चीजें हैं उन्हें कंट्रोल करना सीखिए। बाकी बातें ऑलमाइटी पर छोड़ दीजिए। वे भी मानते हैं कि सफलता का राज मेहनत और ध्यान में है।

भविष्य की योजना: पुरूराज का लक्ष्य आईएएस बनना है, और वह अपने लक्ष्य की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। उन्होंने राजस्थान और मध्य प्रदेश के कैडर दोनों में अपने चयन का विकल्प रखा है।

निष्कर्ष: पुरूराज सिंह सोलंकी की कहानी हमें यह सिखाती है कि सफलता का सच आत्मविश्वास, मेहनत और उम्मीद में है। उनकी यह उपलब्धि हमें यह सिद्ध करती है कि किसी भी मुश्किल से निपटने के लिए हमें संघर्ष करना और हार नहीं मानना चाहिए। अपने लक्ष्यों की दिशा में पूरी मेहनत और उम्मीद से हम सफलता को हासिल कर सकते हैं।

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