मुंबई के बेस्ट बसों की संख्या में घटती वाहन सेवा के कारण यात्रियों को लंबी कतारों में इंतजार करना पड़ रहा है। मुंबई को बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई ऐंड ट्रांसपोर्ट (बेस्ट) की बसें लोकल ट्रेनों के बाद दूसरी महत्वपूर्ण यातायात व्यवस्था मानी जाती हैं। लेकिन पिछले कुछ महीनों से बसों की संख्या में कमी हो रही है, जिसके कारण यात्रियों को अपनी यात्रा के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।
बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई ऐंड ट्रांसपोर्ट (बेस्ट) के अनुसार, मुंबई में डबल डेकर बसों की ज़्यादा आवश्यकता है। वर्तमान में, बेस्ट के पास केवल कुछ ही डबल डेकर एसी बसें हैं, जो कि शहर की बढ़ती जनसंख्या के साथ यात्रियों के लिए पर्याप्त नहीं हैं। बेस्ट को लगभग 7,000 बसों की आवश्यकता है, लेकिन वर्तमान में केवल 2,965 बसें ही चल रही हैं। पिछले महीने, बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने बेस्ट को ₹928.65 करोड़ की मदद का ऐलान किया था, लेकिन बसों की संख्या में अभी भी कमी है।
इलेक्ट्रिक बसों की संख्या में भी कमी है। बेस्ट के पास केवल 519 इलेक्ट्रिक बसें हैं, जो की कुल बसों का केवल 17% हैं। प्रदूषण के स्तर में वृद्धि के कारण, बेस्ट ने इलेक्ट्रिक बसों की संख्या को बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। बसों की डिलिवरी में तेजी के लिए स्विच कंपनियों के साथ भी संपर्क स्थापित किया जा रहा है।
बेस्ट के बसों की संख्या में वृद्धि के साथ-साथ, बसों के डिपो में क्षमता वृद्धि भी की जा रही है। इसके लिए वित्तीय मदद के लिए बेस्ट ने इंटरनेशनल फाइनेंस कॉर्पोरेशन (IFC) को सलाहकार के रूप में नियुक्त किया है। बेस्ट की यह पहल उसके डिपो को व्यावसायिक उपयोग करके फंड जुटाने की दिशा में है। इससे डिपो की सुविधाओं में सुधार होगा, जो यात्रियों को बेहतर सेवाएं प्रदान करेगा। इस संदर्भ में, विश्व बैंक से वित्तीय मदद की अपेक्षा है।
बेस्ट के बसों की संख्या में कमी ने मुंबई के लोगों की यात्रा को प्रभावित किया है। इस समस्या का हल ढूंढने के लिए बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने कई उपायों की बात की है। उनमें से एक उपाय इलेक्ट्रिक बसों की बढ़ती संख्या को बढ़ाना है। इसके साथ ही, बसों की संख्या में वृद्धि और डिपो में क्षमता वृद्धि के लिए वित्तीय मदद भी बेहद आवश्यक है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि यात्रियों को सही समय पर सही सेवा मिले।