निधि सिवाच ने 2018 में यूपीएससी परीक्षा में सफलता पाई थी, और उन्होंने बिना किसी कोचिंग के 6 महीने तक खुद से तैयारी की थी। यह उनके जीवन की एक अद्वितीय कहानी है, जो इस उत्कृष्टता का प्रतीक है कि आपके सपने कैसे पूरे हो सकते हैं अगर आप मेहनत और समर्पण से उनकी प्राप्ति के लिए प्रयत्नशील रहें।
हर साल यूपीएससी परीक्षा में लाखों उम्मीदवार शामिल होते हैं, लेकिन इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करना बहुत मुश्किल होता है। कई उम्मीदवार तो अपने सभी प्रयासों में असफल रहते हैं, लेकिन निधि सिवाच की कहानी हमें यह दिखाती है कि अगर आप अपने लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्ध और समर्पित हैं, तो कोई भी मुश्किल अधूरा नहीं छोड़ सकती है।
निधि का जन्म हरियाणा के गुरुग्राम में हुआ था, और उन्होंने अपनी शिक्षा को ध्यान से पूरा किया। उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया और फिर एक डिज़ाइन इंजीनियर के रूप में काम किया। लेकिन उनका सपना आईएएस अधिकारी बनने का था।
2018 में, निधि ने अपना तीसरा प्रयास किया, और उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में 83 वीं रैंक हासिल की। उन्होंने इतिहास और अंग्रेजी को अपने ऑप्शनल सब्जेक्ट के रूप में चुना और खुद से तैयारी की, जिसने उन्हें उत्कृष्टता तक पहुँचाया।
निधि की यह सफलता हमें यह सिखाती है कि अगर आप अपने सपनों के पीछे लगे हैं और मेहनत से काम करते हैं, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता। उनकी इस कहानी से हम सभी को प्रेरणा मिलती है कि हमें अपने सपनों की प्राप्ति के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहना चाहिए।