दिल्ली की ऋषिता गुप्ता ने पहले ही प्रयास में यूपीएससी सीएसई परीक्षा न केवल पास की बल्कि 18वीं रैंक के साथ टॉप भी किया। जानते हैं ऋषिता से परीक्षा की तैयारी के टिप्स।
दिल्ली की ऋषिता गुप्ता की यूपीएससी जर्नी यूं तो काफी छोटी रही लेकिन इसके पीछे का उनका संघर्ष काफी बड़ा था। ऋषिता ने साल 2018 में अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी सीएसई परीक्षा में 18वीं रैंक के साथ टॉप किया था। देखने वालों को ऐसा लग सकता है कि ऋषिता ने काफी कम समय में सफलता हासिल कर ली लेकिन सच तो यह है कि इसके पीछे का उनका संघर्ष और तैयारी काफी साल पुराने हैं। इस बीच उन्होंने अपने जीवन के सबसे बड़े हादसे को भी जिया लेकिन कदम पीछे नहीं किए। उनके पिताजी जिन्हें कैंसर था की डेथ भी हो गई लेकिन तब भी ऋषिता ने हार नहीं मानी और इस इमोशनल लॉस से उपजे संघर्षों के बीच सफलता हासिल की। दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में ऋषिता ने परीक्षा के बारे में अपना अनुभव शेयर किया।
ऋषिता का एजुकेशनल बैकग्राउंड –
ऋषिता हमेशा से पढ़ने में अच्छी थी और डॉक्टर बनने का सपना देखती थी। हालांकि बारहवीं में कम अंक आने से उन्हें मनचाहे कोर्स और कॉलेज में एडमिशन नहीं मिला। फलस्वरूप ऋषिता ने इंग्लिश लिट्रेचर से ग्रेजुएशन किया। इसी बीच ऋषिता ने तय किया कि वे सिविल सर्विसेस के क्षेत्र में कैरियर बनाएंगी। एक बार गोल तय हो जाने के बाद अगला स्टेप आता है तैयारी। ऋषिता ने साल 2015 में यह तय कर लिया था कि वे यूपीएससी की परीक्षा देंगी और पहली बार में ही परीक्षा पास करेंगी। ऋषिता का पक्का इरादा ही था कि यह कमिटमेंट सच साबित हुआ और पहली ही बार में वे एआईआर 18 के साथ साल 2018 में अंततः आईएएस ऑफिसर बन गयीं।
ऋषिता की सलाह –
ऋषिता ने कांसेप्ट्स हमेशा क्लियर रखे और बेस मजबूत करने के लिए सबसे पहले एनसीईआरटी पढ़ीं। ऋषिता मानती हैं कि इस परीक्षा की तैयारी के लिये बहुत पैसे की जरूरत नहीं है। एक लैपटॉप, बढ़िया नेट कनेक्शन, कुछ किताबें प्रिंटर और संभव हो तो कोचिंग के एनुअल नोट्स, बस इतना ही तैयारी के लिये काफी है क्योंकि आजकल ऑनलाइन लगभग सारी सामग्री उपलब्ध है।
ऑप्शनल चुनते समये केवल अपने दिल की सुनें और पूरी तैयारी स्ट्रेटजी बनाकर करें। नोट्स बनाते चलें और उतना ही पढ़ें जितने को रिवाइज़ कर सकें। ऐसे टॉपिक्स या किताबें पढ़ने से कोई लाभ नहीं जिन्हें रिवाइज़ न किया जा सकता हो। लगातार न्यूज़पेपर पढ़ते रहें और मंथली मैगज़ीन भी जरूर पढ़ें। दूसरे कैंडिडेट्स को ऋषिता यही सलाह देती हैं कि रिजल्ट्स पर फोकस न करने की जगह केवल तैयारियों पर ध्यान दें।
अगर तैयारियां अच्छी होंगी तो रिजल्ट अच्छा आना स्वाभाविक है। ऋषिता की कहनी से यह भी पता चलता है कि आप किस बैकग्राउंड के हैं, आपने क्या पढ़ा है या आप कैसे स्टूडेंट रहे हैं, इन सब बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता। जिस दिन आप पूरे मन के साथ परीक्षा पास करने की सोच लेते हैं और सही दिशा में सही कदम उठा लेते हैं, सफलता जरूर मिलती है, वो भी आपकी शर्तों पर। इसलिए मन में किसी प्रकार का भ्रम न लाएं और निकल पड़ें मंजिल जरूर मिलेगी।