लकी चौहान की सफलता की कहानी उन सभी के लिए प्रेरणादायक है जो नौकरी के साथ यूपीएससी (UPSC) परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। लकी ने कठिन मेहनत, दृढ़ संकल्प और अडिग इच्छाशक्ति के साथ अपनी नौकरी के साथ-साथ इस प्रतिष्ठित परीक्षा को पास किया और आईपीएस (IPS) अधिकारी बनीं।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
लकी चौहान का जन्म उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के खुर्जा में हुआ था। उनके पिता रोहताश सिंह चौहान प्रॉपर्टी डीलर हैं और उनकी मां सुमन लता एक शिक्षक हैं। लकी की प्रारंभिक शिक्षा बुलंदशहर में हुई। वह बचपन से ही पढ़ाई में बहुत तेज थीं। उन्होंने साइंस स्ट्रीम से 12वीं कक्षा पूरी की और फिर इंग्लिश लिटरेचर और हिस्ट्री में स्नातक की डिग्री हासिल की।
करियर की शुरुआत
स्नातक के बाद, लकी ने केंद्रीय मंत्रालय में असिस्टेंट वेलफेयर एडमिनिस्ट्रेटर के पद पर नौकरी प्राप्त की। हालांकि, उनका असली सपना आईपीएस अधिकारी बनने का था। इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने अपनी नौकरी के साथ यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू की।
चुनौतियाँ और सफलता
नर्सरी क्लास में ही लकी ने एक प्रतियोगिता में पहला स्थान प्राप्त किया था और उन्हें जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक द्वारा पुरस्कृत किया गया था। इसी पुरस्कार ने उनके मन में एक बड़ा अधिकारी बनने का सपना जगा दिया था। नौकरी के साथ यूपीएससी की तैयारी करना आसान नहीं था, लेकिन लकी ने दृढ़ निश्चय और समर्पण के साथ इसे संभव बनाया।
परीक्षा की तैयारी और परिणाम
लकी ने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए दिन में कम से कम 12 घंटे पढ़ाई की। उनकी कड़ी मेहनत और मजबूत इच्छाशक्ति ने उन्हें 2012 की यूपीएससी परीक्षा में अखिल भारतीय स्तर पर 246वां स्थान दिलाया। इस सफलता के साथ ही उन्होंने आईपीएस अधिकारी बनने का अपना सपना पूरा किया।
लकी चौहान की कहानी उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है जो कठिन परिस्थितियों में भी अपने सपनों को साकार करने का हौसला रखते हैं। लकी ने साबित कर दिया कि सही मेहनत और समर्पण से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। उनकी सफलता उन सभी के लिए एक मिसाल है जो नौकरी के साथ-साथ यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं।