संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा को सबसे चुनौतीपूर्ण और प्रतिष्ठित माना जाता है। इस परीक्षा को पार करने के लिए न केवल अकादमिक तैयारी, बल्कि अडिग हिम्मत और धैर्य की भी आवश्यकता होती है। कुशल जैन, जिन्होंने 2021 में UPSC परीक्षा में 40वीं रैंक प्राप्त की, उनकी सफलता की कहानी एक अद्भुत प्रेरणा है।
इंजीनियरिंग से यूपीएससी तक का सफर
कुशल जैन, जबलपुर के निवासी, सरकारी विभाग में इंजीनियर जय कुमार जैन और सरकारी स्कूल की शिक्षिका रश्मि जैन के बेटे हैं। 29 वर्षीय कुशल ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा क्राइस्ट चर्च बॉयज स्कूल से पूरी की। बाद में, उन्होंने बेंगलुरु के एक प्रतिष्ठित संस्थान से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की। कुशल ने माइक्रोसॉफ्ट कंपनी में एक सफल करियर की शुरुआत की, लेकिन लगभग डेढ़ साल बाद उन्होंने सिविल सेवा में जाने का निर्णय लिया और अपनी नौकरी छोड़ दी।
प्रेरणा का स्रोत और कठिनाइयों का सामना
कुशल के मन में सिविल सेवा में जाने का बीज बचपन में ही बोया गया था, जब वे गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस की परेड में डीएम को झंडा फहराते देखते थे। यह प्रेरणा उनके मन में गहराई तक बैठी और नौकरी के दौरान उन्हें एहसास हुआ कि वे समाज के लिए और अधिक करना चाहते हैं। अपने माता-पिता की तरह, जो सरकारी सेवा में थे, उन्होंने भी समाज की सेवा करने का मन बनाया।
बिना कोचिंग के सफलता की ओर
कुशल ने बिना किसी कोचिंग के यूपीएससी की तैयारी की। उन्होंने कहा कि सफलता पाने के लिए उच्च स्तर की तैयारी और उस क्षेत्र में गहरी रुचि होना आवश्यक है। तीन बार इंटरव्यू में असफल होने के बावजूद, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपनी कमियों को सुधारते हुए अंततः चौथे प्रयास में सफलता प्राप्त की। उनकी सफलता का मंत्र था: नियमित अध्ययन, मॉक टेस्ट, और पिछले सालों के प्रश्न पत्रों का विश्लेषण।
कुशल जैन का संदेश
कुशल का मानना है कि असफलता से सीखकर ही सफलता प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने अपने अनुभव से यह सिखाया कि असफलताओं से निराश न होकर उन्हें सीखने का मौका मानना चाहिए। उनके अनुसार, यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा की तैयारी के लिए एक निश्चित शेड्यूल के साथ नियमित अध्ययन, मॉक टेस्ट, और रिवीजन बहुत जरूरी है।
परिवार के साथ समय और आने वाली ट्रेनिंग
वर्तमान में, कुशल जबलपुर में अपने परिवार के साथ समय बिता रहे हैं और अगस्त में उनकी ट्रेनिंग शुरू होगी। उनका दृढ़ निश्चय और समर्पण हर UPSC अभ्यर्थी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
कुशल जैन की यह कहानी साबित करती है कि अगर दृढ़ संकल्प और निरंतर प्रयास किया जाए, तो किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है। उनकी सफलता न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे जबलपुर के लिए गर्व की बात है।