वरुणा अग्रवाल की सफलता की कहानी: वरुणा ने हाई स्कूल के बाद ही यह निश्चय कर लिया था कि वह सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करेंगी। तीसरे प्रयास में उन्हें सफलता मिली और उन्होंने अपना सपना पूरा कर लिया।

IAS टॉपर वरुणा अग्रवाल की सफलता की कहानी: अगर आप हाई स्कूल या इंटरमीडिएट के बाद अपना लक्ष्य तय कर लेते हैं, तो इसे हासिल करने के लिए आपके पास पर्याप्त समय होता है। आज हम आपको यूपीएससी 2020 में ऑल इंडिया रैंक 38 प्राप्त करने वाली वरुणा अग्रवाल की कहानी बताएंगे। वरुणा ने हाई स्कूल के बाद ही यह निश्चय कर लिया था कि वह सिविल सेवा की तैयारी करेंगी। ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने पूरी तरह से तैयारी में जुट गईं और तीसरे प्रयास में आईएएस बनने का सपना पूरा कर लिया। आज हम जानेंगे कि उन्होंने इस यात्रा के दौरान खुद को कैसे प्रेरित रखा और असफलताओं को किस प्रकार सफलता में बदला।

वरुणा अग्रवाल

शुरुआती सफर: वरुणा ने हाई स्कूल से ही अपने सपने को पूरा करने के लिए मेहनत शुरू कर दी थी। इसके बाद इंटरमीडिएट और फिर ग्रेजुएशन में उन्होंने कड़ी मेहनत कर अपनी बुनियाद मजबूत कर ली। यूपीएससी के पहले और दूसरे प्रयास में उन्हें सफलता नहीं मिली, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और लगातार मेहनत करती रहीं। आखिरकार तीसरे प्रयास में उन्होंने अपना लक्ष्य हासिल कर लिया और आईएएस बनने का सपना साकार कर लिया। उनका मानना है कि करीब 10 साल की मेहनत के बाद उन्हें अपना लक्ष्य मिल सका।

स्वयं को मोटिवेट रखने के तरीके: वरुणा का मानना है कि यूपीएससी की तैयारी के दौरान हमें कभी भी समय सीमा निर्धारित नहीं करनी चाहिए। उनके मुताबिक, कई बार समय सीमा निर्धारित करने से फायदा होता है, लेकिन अधिकतर मौकों पर चीजें हमारे नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं और फिर तनाव बढ़ जाता है। इसलिए लगातार मेहनत करें और खुद को सकारात्मक रखें। मानकर चलें कि पहले प्रयास में सफलता नहीं मिलेगी तब भी हमें कुछ न कुछ सीखने को जरूर मिलेगा। वह कहती हैं कि कुछ सालों तक यूपीएससी की तैयारी करने के बाद उनके व्यक्तित्व में बड़ा बदलाव आया, जिसकी वजह से उन्हें सफलता भी मिली।

अन्य उम्मीदवारों के लिए वरुणा की सलाह: वरुणा का मानना है कि सबसे पहले आप अपने लक्ष्य को तय कर लें। इसके बाद सही दिशा में कड़ी मेहनत करना शुरू करें। खुद को कभी भी यूपीएससी के दौरान निराश नहीं होने दें और हर बार बेहतर करने की कोशिश करें। असफलताओं से सीख लें और भविष्य में ऐसी गलतियां न दोहराएं। वे कहती हैं कि पढ़ाई के अलावा अपना ओवरऑल डेवलपमेंट भी करना चाहिए, इससे आपको आत्मविश्वास भी मिलेगा और सफलता के लिए रास्ता भी खुल जाएगा।

वरुणा अग्रवाल की इस प्रेरणादायक यात्रा से यह स्पष्ट होता है कि दृढ़ निश्चय और निरंतर मेहनत से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। उनकी कहानी उन सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है जो यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं और असफलताओं से हार मानने की बजाय उनसे सीखते हुए आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं।

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