दिल्ली में भीषण गर्मी के कारण बुधवार को बिजली की अधिकतम मांग अपने सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए 8,000 मेगावाट पर पहुंच गई, जो अब तक की सबसे अधिकतम मांग है। दिल्ली स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर (एसएलडीसी) की वेबसाइट के अनुसार, बुधवार को दोपहर 3:42 बजे यह मांग रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दावा किया कि इस भारी मांग के बावजूद दिल्ली सरकार ने बिना किसी पावर कट के इसे पूरा किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “आज दोपहर 3:42 पर दिल्ली में पीक पावर डिमांड 8000 मेगावाट पहुंच गई। दिल्ली सरकार ने बिना पावर कट लगाए इस पीक डिमांड को पूरा किया है।
यह दिल्ली के लोगों की बहुत बड़ी उपलब्धि है। 2014 तक गर्मियों में 5925 मेगावाट पीक डिमांड पर भी लंबे-लंबे पावर कट हुआ करते थे। दूसरी तरफ, यूपी, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे भाजपा शासित राज्यों में पिछले 2-3 दिनों में 10-12 घंटों के पावर कट हुए हैं। यही कारण है कि भाजपा वाले आम आदमी पार्टी को खत्म करना चाहते हैं। हमारा काम इनकी नाकामी का सच पूरे देश को दिखा देता है।”
दिल्ली के बिजली मंत्री आतिशी ने बताया कि आमतौर पर जुलाई-अगस्त में उमस भरी गर्मी के कारण बिजली की खपत बढ़ जाती है, लेकिन इस बार मई में ही मांग अत्यधिक बढ़ गई है। पिछले कुछ दिनों से तापमान लगातार 45 डिग्री से ऊपर रहा है, और मंगलवार को दिल्ली के कुछ हिस्सों में तापमान 48 डिग्री तक पहुंच गया। इससे पहले, 21 मई को दिल्ली की पीक डिमांड 7717 मेगावाट तक पहुंच गई थी।
दिल्ली में 24 घंटे बिजली की आपूर्ति: दिल्ली सरकार ने इस भीषण गर्मी में भी 24 घंटे बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की है। कहीं भी लोड शेडिंग या ब्लैक आउट नहीं हुआ है। इसके लिए दिल्ली सरकार के विद्युत विभाग और तीनों पावर कंपनियों को बधाई दी गई है। 2014 में बिजली की पीक डिमांड 5925 मेगावाट थी, लेकिन तब भी लंबी बिजली कटौती होती थी।
पड़ोसी राज्यों में पावर कट: आतिशी ने बताया कि दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में भाजपा की सरकार है, जहां पिछले दो दिनों में लंबे पावर कट हुए हैं। उत्तर प्रदेश, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हीट वेव के दौरान बिजली की आपूर्ति में समस्याएं देखी गई हैं। यूपी के ग्रेटर नोएडा, नोएडा, और गाजियाबाद के कई हिस्सों में 4 से 8 घंटे तक पावर कट हुए। हरियाणा के गुरुग्राम में बार-बार बिजली कटौती हुई है।
आतिशी ने कहा कि जुलाई और अगस्त में उमस भरी गर्मी के कारण बिजली की मांग और भी बढ़ सकती है, और इसके लिए दिल्ली सरकार और तीनों बिजली कंपनियां तैयार हैं।