सौम्या गुरुरानी की UPSC यात्रा सफलता और संघर्ष से भरी हुई है। अल्मोड़ा की रहने वाली सौम्या ने चार प्रयासों में UPSC सिविल सेवा परीक्षा को सफलतापूर्वक पूरा किया, जिनमें से दो बार उनका चयन हुआ। आइए जानते हैं उनकी इस प्रेरणादायक यात्रा के बारे में।
शुरुआती जीवन और शिक्षा
सौम्या की शुरुआती पढ़ाई अल्मोड़ा में हुई। इसके बाद उन्होंने रुड़की से इंजीनियरिंग की। उनकी पढ़ाई के दौरान ही उन्हें एक अच्छी नौकरी का ऑफर मिला, लेकिन सौम्या का सपना कुछ और ही था। उनके परिवार को भी लगता था कि उन्हें UPSC की परीक्षा देनी चाहिए, और सौम्या भी कंप्यूटर के सामने पूरी जिंदगी बिताने के विचार से असंतुष्ट थीं। इन दोनों वजहों ने सौम्या को UPSC की तैयारी के लिए प्रेरित किया।
UPSC की तैयारी और संघर्ष
पहली बार सौम्या ने कोचिंग लेकर तैयारी की, लेकिन सफलता नहीं मिली। पहले प्रयास में वह मेन्स तक पहुंचीं लेकिन आगे नहीं बढ़ सकीं। दूसरे प्रयास में वह प्रीलिम्स भी पास नहीं कर पाईं। तीसरे प्रयास में उन्होंने तीनों चरण सफलतापूर्वक पार किए और IPS के लिए चुनी गईं। IPS में चयनित होने के बावजूद सौम्या ने अपनी तैयारी जारी रखी। चौथे प्रयास में उन्होंने 2018 में 30वीं रैंक हासिल की और उन्हें मनचाहा IAS पद मिला।
सौम्या का अनुभव और संदेश
सौम्या का मानना है कि UPSC की यात्रा आपको परिपक्व बनाती है। वे कहती हैं कि सफलता आसानी से नहीं मिलती और इसमें समय लगता है। असफलताओं को सीख के रूप में लेना चाहिए। उन्होंने असफलताओं से कभी हार नहीं मानी बल्कि हर बार उनसे सीख ली। सौम्या का यह भी कहना है कि शादी के बाद भी करियर संभव है। उनका चौथा प्रयास शादी के बाद ही था और इसी में वे टॉपर बनीं।
प्रेरणा और समर्थन
सौम्या मानती हैं कि यदि इरादे मजबूत हों और नियत साफ हो, तो शादीशुदा जीवन, नौकरी या बच्चों के बावजूद सफलता संभव है। उनका मानना है कि परिवार और दोस्तों का समर्थन बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने खुद को पूरी तरह अलग नहीं किया, बल्कि अपने भावनात्मक जरूरतों का भी ध्यान रखा।
सौम्या की कहानी उन महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत है जो शादी के बाद अपने करियर को समाप्त मान लेती हैं। उनके अनुसार, परिवार का सहयोग और सही प्राथमिकताओं के साथ कोई भी अपने सपनों को साकार कर सकता है।
इस प्रकार, सौम्या गुरुरानी की यात्रा न केवल उनके दृढ़ संकल्प और मेहनत की कहानी है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि सही मानसिकता और समर्थन के साथ किसी भी कठिनाई को पार किया जा सकता है।