हरप्रीत सिंह की UPSC यात्रा प्रेरणादायक और संघर्ष से भरी रही है। उन्होंने पांच प्रयासों में UPSC सिविल सेवा परीक्षा को सफलतापूर्वक पूरा किया, और इस दौरान उन्होंने कभी अपनी नौकरी नहीं छोड़ी। जानते हैं कैसे हरप्रीत ने नौकरी के साथ तैयारी की और IAS बनने का सपना पूरा किया।
UPSC की शुरुआत और संघर्ष
हरप्रीत सिंह का UPSC का सफर 2013 में शुरू हुआ। ग्रेजुएशन के बाद, उन्होंने अपने दोस्त के साथ चंडीगढ़ जाकर कोचिंग ज्वॉइन की। इसी दौरान उन्हें एक कंपनी से नौकरी का ऑफर मिला और उन्होंने नौकरी के साथ UPSC की तैयारी करने का निर्णय लिया। पहले प्रयास में हरप्रीत प्री परीक्षा में सफल हुए, लेकिन मेन्स में सफल नहीं हो पाए। इसके बाद के दो प्रयासों में वे साक्षात्कार तक पहुंचे, लेकिन चयनित नहीं हो सके।
नौकरी और UPSC की तैयारी का संगम
इस दौरान, हरप्रीत ने अन्य परीक्षाओं में भी भाग लिया और CAPF में उनका चयन हो गया, जहां उन्हें BSF में असिस्टेंट कमांडेंट का पद मिला। नौकरी के बावजूद, उन्होंने UPSC की तैयारी जारी रखी। चौथे प्रयास में हरप्रीत ने सभी चरण पार कर लिए और उन्हें इंडियन ट्रेड सर्विस में चयनित किया गया। उन्होंने BSF का पद छोड़कर नई नौकरी ज्वॉइन की, लेकिन उनका लक्ष्य IAS बनना था, इसलिए उन्होंने तैयारी जारी रखी।
पाँचवाँ प्रयास और सफलता
हरप्रीत की मेहनत रंग लाई और 2018 में पांचवें प्रयास में उन्होंने 19वीं रैंक प्राप्त की और IAS के पद पर चयनित हुए। यह सफर उनके लिए बेहद चुनौतीपूर्ण था, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और निरंतर प्रयास करते रहे।
हरप्रीत की सलाह
हरप्रीत सिंह अन्य उम्मीदवारों को सलाह देते हैं कि इस यात्रा में कभी भी आत्मविश्वास न खोएं और निरंतर प्रयास करते रहें। परिवार और समाज के दबाव को सहते हुए भी अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित रखें। कई बार असफलताएं मिलती हैं, लेकिन इन्हें सीख के रूप में स्वीकार करें और आगे बढ़ें।
उनका मानना है कि सच्ची मेहनत का फल भगवान एक दिन जरूर देते हैं। चाहे सफलता जल्दी मिले या देर से, ईमानदारी और मेहनत का मोल जरूर मिलता है। वे उम्मीदवारों को सलाह देते हैं कि UPSC की तैयारी के साथ-साथ अन्य परीक्षाएं भी देते रहें, ताकि एक बैकअप प्लान बना रहे।
हरप्रीत सिंह का संघर्ष और धैर्य सभी UPSC उम्मीदवारों के लिए प्रेरणास्रोत है। उनकी कहानी बताती है कि मेहनत और समर्पण से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। उनकी सलाह है कि बिना रुके निरंतर प्रयास करते रहें, और दूसरों की बातों को दिल से न लगाएं। जब आप सफल होते हैं, तो सबका मुंह बंद हो जाता है। इसलिए, प्रैक्टिकल होकर तैयारी करें और सफलता की दिशा में लगातार बढ़ते रहें।