मुंबई के कोस्टल रोड प्रोजेक्ट से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। बांद्रा-मरीन ड्राइव को गर्डर से जोड़ने का महत्वपूर्ण कार्य सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। यह गर्डर लॉन्चिंग का काम रात 2 बजे शुरू हुआ और 3:25 बजे तक पूरा हो गया। इस महत्वपूर्ण मौके पर बीएमसी कमिश्नर भूषण गगरानी भी उपस्थित थे।
पहला अद्वितीय प्रयोग
कोस्टल रोड और बांद्रा-वर्ली सी लिंक को बो आर्च स्ट्रिंग गर्डर के माध्यम से जोड़ा गया है। समुद्र में उच्च और निम्न ज्वार का उपयोग कर इन दोनों मार्गों को एक गर्डर के जरिए जोड़ने का यह भारत में पहला प्रयास है।
15 किमी का सफर 15 मिनट में
मौसम की अनुकूलता को ध्यान में रखते हुए इंजीनियरों ने समुद्री लहरों और हवा की गति का सही अनुमान लगाकर प्लेटफॉर्म को कनेक्ट किया। इस जुड़ाव से बांद्रा से मरीन ड्राइव का 15 किमी लंबा सफर अब मात्र 15 मिनट में पूरा किया जा सकेगा।
87 प्रतिशत काम पूरा
कोस्टल रोड प्रोजेक्ट का 87% से अधिक काम पूरा हो चुका है। मरीन ड्राइव से सी लिंक तक का कोस्टल रोड जून में लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद शुरू होने की उम्मीद है।
सबसे कठिन कार्य बाकी
कोस्टल रोड निर्माण से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि 10.58 किमी लंबे कोस्टल रोड प्रोजेक्ट का सबसे चुनौतीपूर्ण कार्य कोस्टल रोड से बांद्रा-वर्ली सी लिंक ब्रिज का कनेक्शन है। इसके लिए प्रशासन ने बेहद सुनियोजित योजना बनाई है।
पहला गर्डर 25 अप्रैल को पहुंचा
बांद्रा-मरीन ड्राइव के दोनों सिरों को जोड़ने वाला पहला गर्डर 25 अप्रैल, 2024 को सुबह 4 बजे कोस्टल रोड साइट पर पहुंचा था। अब इस गर्डर पर सीमेंट कंक्रीट का काम किया जाएगा। गर्डर को जंग से बचाने के लिए सी-5 जापानी तकनीक का उपयोग किया गया है।
500 ट्रेलरों की मदद से गर्डर पहुंचा
कोस्टल रोड-सी लिंक को जोड़ने वाला गर्डर 2,000 मीट्रिक टन वजन का है, जिसकी लंबाई 136 मीटर और चौड़ाई 18 से 21 मीटर है। इस गर्डर के छोटे स्पेयर पार्ट्स अंबाला (हरियाणा) में तैयार किए गए थे और 500 ट्रेलरों की मदद से मुंबई पहुंचाए गए। इन पार्ट्स को एक साथ जोड़कर नवी मुंबई के न्हावा बंदरगाह से फ्लीट की मदद से वर्ली लाया गया।
प्रॉजेक्ट पर विशेष ध्यान
कोस्टल रोड दक्षिण मुंबई से उत्तर मुंबई को जोड़ने वाला एक प्रमुख मार्ग साबित होगा। बीएमसी अब इस प्रॉजेक्ट को तेजी से अंजाम तक पहुंचाने के लिए काम कर रही है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के आदेश के बाद बीएमसी ने जून में इसे पूरी क्षमता के साथ खोलने की योजना बनाई है।
लागत में वृद्धि
बीएमसी की लापरवाही के कारण कोस्टल रोड की लागत 8000 करोड़ रुपये से बढ़कर 14000 करोड़ तक पहुंच गई है। कमिश्नर भूषण गगरानी इस प्रॉजेक्ट पर विशेष ध्यान दे रहे हैं, क्योंकि वे किसी भी कीमत पर इसकी और डेडलाइन बढ़ाना नहीं चाहते हैं।