आईएएस अनुपमा अंजली की कहानी
आईएएस अधिकारी अनुपमा अंजली की कहानी प्रेरणादायक है। सिविल सर्वेंट्स की फैमिली में जन्मी अनुपमा ने अपने पहले प्रयास में यूपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त नहीं की थी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। बल्कि, दोगुनी मेहनत और दृढ़ संकल्प के साथ अपनी तैयारी जारी रखी और आखिरकार आईएएस बनकर अपने सपने को साकार किया।
संघर्ष और सफलता की कहानी
यूपीएससी परीक्षा को पार करना एक कठिन चुनौती है, और जब आपके परिवार में पहले से कई सिविल सर्वेंट्स हों, तो दबाव और भी बढ़ जाता है। अनुपमा ने इस दबाव को एक सकारात्मक प्रेरणा के रूप में लिया। उन्होंने अपने पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए यूपीएससी की परीक्षा को पास किया और आईएएस अधिकारी बनीं।
इंजीनियरिंग के बाद यूपीएससी की राह
अनुपमा ने अपनी इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी करने के बाद यूपीएससी की तैयारी शुरू की। पहले प्रयास में असफल होने के बावजूद, उन्होंने अपनी मेहनत और तैयारी में कोई कमी नहीं छोड़ी। अनुपमा ने दोगुने जोश के साथ अपने दूसरे प्रयास की तैयारी की और 2017 में यूपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त की, जिसमें उन्हें 386वीं रैंक मिली।
परिवार का सहयोग और प्रेरणा
अनुपमा के पिता एक आईपीएस अधिकारी रहे हैं और उन्होंने 37 साल तक सरकारी सेवा में योगदान दिया। उनके दादा जी भी सिविल सर्वेंट थे। अनुपमा को अपने परिवार से ही यूपीएससी में जाने की प्रेरणा मिली। उनके परिवार का समर्थन और प्रेरणा उनके सफर में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
आईएएस बनने का सपना
पहले प्रयास में असफलता के बावजूद अनुपमा ने इसे एक सीखने का मौका माना। उन्होंने अपनी कमियों पर काम किया और अगले ही प्रयास में सफलता हासिल की। उनकी इस कहानी से यह सिद्ध होता है कि कठिनाइयों और असफलताओं के बावजूद, यदि मेहनत और समर्पण बना रहे तो सफलता निश्चित है।
वर्तमान स्थिति
अनुपमा अंजली वर्तमान में हरियाणा कैडर में भिवानी में एडीसी पद पर तैनात हैं। उन्होंने 2020 में आईएएस अधिकारी हर्षित कुमार से शादी की और उनके साथ एक खुशहाल जीवन बिता रही हैं।
अनुपमा की यह सफलता कहानी न केवल यूपीएससी की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए प्रेरणा है, बल्कि यह सिखाती है कि समर्पण और मेहनत के साथ किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है।