मनोज कुमार शर्मा की सफलता की कहानी

यूपीएससी परीक्षा भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। आज हम आपको इस परीक्षा में 121वीं रैंक प्राप्त करने वाले मनोज कुमार शर्मा की प्रेरणादायक कहानी बताएंगे। मनोज की कहानी इस बात का जीता-जागता उदाहरण है कि कठिनाइयों के बावजूद अगर आप मेहनत और समर्पण के साथ अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते हैं, तो सफलता अवश्य मिलती है।

फिल्म “12th फेल” ने बढ़ाया हौसला

साल 2023 में कई फिल्में रिलीज हुईं, लेकिन “12th फेल” नामक फिल्म ने देश भर के युवाओं को प्रेरित किया। इस फिल्म में आईपीएस अधिकारी मनोज कुमार शर्मा की जिंदगी की कहानी दिखाई गई है। यह फिल्म 69वें फिल्मफेयर अवॉर्ड्स में सर्वश्रेष्ठ फिल्म का खिताब भी जीती। मनोज कुमार शर्मा, 2005 बैच के आईपीएस अधिकारी, ने अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे और हर चुनौती का सामना करते हुए इस मुकाम तक पहुंचे।

मनोज कुमार शर्मा

संघर्षपूर्ण शुरुआत

मनोज कुमार शर्मा मध्य प्रदेश के मुरैना जिले से ताल्लुक रखते हैं। उनकी शिक्षा का सफर काफी संघर्षमय रहा। उन्होंने 9वीं और 10वीं क्लास में तीसरी श्रेणी से पास किया और 12वीं में हिंदी को छोड़कर अन्य सभी विषयों में फेल हो गए। लेकिन मनोज ने हार नहीं मानी और 12वीं की परीक्षा पास की। आर्थिक स्थिति ठीक न होने के चलते उन्होंने कई छोटे-मोटे काम किए, जैसे टेम्पो चलाना और यहां तक कि एक समय पर भिखारियों के साथ भी सोना पड़ा।

किताबों से मिली प्रेरणा

मनोज ने लाइब्रेरी में भी काम किया, जहां उन्होंने कई प्रसिद्ध लेखकों की कहानियां पढ़ीं। इन कहानियों ने उन्हें कुछ बड़ा करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में भाग लेने का निर्णय लिया, लेकिन पहले तीन प्रयासों में उन्हें असफलता ही हाथ लगी। चौथे प्रयास में उन्होंने पूरी मेहनत और समर्पण के साथ तैयारी की और 121वीं रैंक प्राप्त कर यूपीएससी परीक्षा पास की।

पत्नी का सहयोग

यूपीएससी की तैयारी के दौरान मनोज कुमार शर्मा की मुलाकात उत्तराखंड की रहने वाली श्रद्धा जोशी से हुई। दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो गया। श्रद्धा, जो एक आईआरएस अधिकारी हैं, ने मनोज को काफी प्रेरित किया और उनका साथ दिया। श्रद्धा के सहयोग और मनोज की मेहनत के परिणामस्वरूप, उन्होंने चौथे प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास की और आईपीएस अधिकारी बन गए।

मनोज कुमार शर्मा की कहानी संघर्ष, मेहनत और दृढ़ संकल्प की मिसाल है। उनकी सफलता इस बात का प्रमाण है कि कठिन परिस्थितियों के बावजूद, अगर आप लगातार प्रयास करते रहते हैं और हार नहीं मानते, तो सफलता अवश्य मिलती है। उनकी यह कहानी न केवल यूपीएससी की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए बल्कि सभी के लिए प्रेरणादायक है।

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