साल 2017 के UPSC टॉपर सुयश चव्हाण ने पहले ही प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा में 56वीं रैंक हासिल की थी। एक डॉक्टर से यूपीएससी टॉपर बनने तक का सफर बहुत प्रेरणादायक है। यहाँ जानें उनकी सफलता का मंत्र।
शैक्षिक पृष्ठभूमि
सुयश चव्हाण का शैक्षिक बैकग्राउंड अत्यधिक समृद्ध रहा है। उन्होंने सबसे पहले MBBS की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण की और मेडिकल साइंस में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की, जो की पीजी कोर्स की तुलनात्मक कठिन परीक्षा मानी जाती है। इतने में भी उनका मन नहीं भरा और उन्होंने यूपीएससी के क्षेत्र में कदम रखने का निश्चय किया। पहले ही प्रयास में उन्होंने UPSC में शीर्ष स्थान हासिल किया।
सफलता का मंत्र
सुयश के अनुसार, किसी भी क्षेत्र में दूसरों से अलग और विशेष करने के लिए आपकी कार्यशैली और सोच का तरीका सामान्य नहीं होना चाहिए। विजेता बनने के लिए आपका विचार प्रक्रिया भी विजेताओं वाली होनी चाहिए। अगर आप कुछ अतिरिक्त पाना चाहते हैं, तो आपको अतिरिक्त प्रयास करने होंगे। यह नियम पढ़ाई की तकनीक से लेकर टाइम-टेबल बनाने तक और आंसर राइटिंग तक लागू होता है। सुयश का मानना है कि आपके उत्तरों में कुछ खास दिखना चाहिए, इसके लिए उनमें अतिरिक्त इनपुट डालें जैसे कि डायग्राम्स, फ्लो चार्ट्स, डेटा, फैक्ट्स, फिगर्स, टेबल्स, उदाहरण, कोट्स, रिपोर्ट्स, आदि।
तैयारी की तकनीक
सुयश बताते हैं कि जब आप दिनभर की पढ़ाई से थक चुके होते हैं, तो उस समय का सदुपयोग डेटा, फैक्ट्स आदि को याद करने में करें। इससे न केवल आप थके हुए दिमाग को आराम देते हैं, बल्कि इन्हें अपने उत्तरों में शामिल करने के लिए भी तैयार रहते हैं। उनकी सलाह है कि इस परीक्षा में सफलता के लिए रिवीजन का महत्वपूर्ण स्थान है। रोज़ रिवीजन करें, जिससे पढ़ा हुआ याद रहे और जरूरत के समय उसका उपयोग किया जा सके।
योजना और तैयारी
सुयश के अनुसार, परीक्षा की तैयारी में प्रॉपर प्लानिंग का भी अहम स्थान है। यदि आप एक साल में तैयारी करने की योजना बना रहे हैं, तो परीक्षा के प्रारूप को समझकर हर छोटी-बड़ी चीज़ का टाइम-टेबल बनाएं। इसके बाद लक्ष्य निर्धारित करें कि कब तक क्या खत्म करना है। इस प्रकार की योजना से आप न केवल सभी हिस्सों को कवर करते हैं, बल्कि अंत में पैनिक भी नहीं होते।
अंतिम सलाह
सुयश की अंतिम सलाह है कि जब आप परीक्षा की तैयारी शुरू करें, तो अपने पिछली योग्यता को भूल जाएं। यह परीक्षा एक नया सफर है और इस सफर में वही सफल होगा जो इसकी कीमत चुकाने को तैयार होगा। सुयश की कहानी प्रेरणा देती है कि कड़ी मेहनत, समर्पण और सही दिशा में प्रयास से किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त की जा सकती है।