जहां चाह हो वहां राह बन ही जाती है. बिहार के सीवान जिले के रहने वाले किसान विनोद कुमार प्रसाद ने अपनी जरूरत के लिए ऐसी ही एक अनोखी राह बनाई है. दरअसल, किसान विनोद ने कबाड़ में पड़े सामान से एक ऐसा ट्रैक्टर तैयार कर लिया है जिसकी अब हर कोई तारीफ कर रहा है.
बड़े-बड़े इंजीनियर जिस ट्रैक्टर को महीनों में तैयार कर पाते हैं उसे सीवान के एक किसान विनोद कुमार प्रसाद ने बेहद कम समय में तैयार कर दिया है. न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार, विनोद का अपनी इस उपलब्धि के बारे में कहना है कि उन्होंने लाखों रुपए की लागत से बनने वाले ट्रैक्टर को जुगाड़ टेक्नोलॉजी से बेहद कम लागत में तैयार कर दिखाया है. विनोद कुमार प्रसाद सीवान जिले के जीरादेई प्रखंड के फुलवरिया गांव के रहने वाले हैं. उनके जुगाड़ से बनाए गए ट्रैक्टर की अब आस-पास के कई गांवों में खूब चर्चा हो रही है. ट्रैक्टर का पहिया, इंजन, हल पूरी तरह से जुगाड़ द्वारा बनाई गई है.
दूसरों के खेतों में खेती कर कमा रहे पैसे
विनोद कुमार प्रसाद ने जब खेती करने का मन बनाया तब उन्हें महसूस हुआ कि ट्रैक्टर में उनकी ज्यादा लागत लग रही है. जिसके बाद उन्होंने खुद का ट्रैक्टर बनाने का फैसला किया. इसके लिए उन्होंने कबाड़ की दुकान से सारा सामान खरीदा और खुद से ट्रैक्टर तैयार कर डाला. अब वह इस ट्रैक्टर से वह धड़ल्ले से खेती कर रहे हैं. खुद के साथ ही वह इस ट्रैक्टर से दूसरों के खेतों में खेती करके पैसा कमा रहे हैं. गांव में हर व्यक्ति उनके इस कार्य की प्रशंसा कर रहा है.
विनोद के मुताबिक इस ट्रैक्टर को तैयार करने में उनके 2 से 2.5 लाख रुपए खर्च हुए हैं. वैसे अगर आप किसी एजेंसी से ट्रैक्टर खरीदते हैं तो आपको इसके लिए 9 से 15 लाख रुपए तक कीमत चुकानी पड़ती है लेकिन विनोद ने इसके आधे से भी आधे दाम में ट्रैक्टर तैयार कर दिया है. ट्रैक्टर का इंजन इन्होंने पंपसेट से तैयार किया है जबकि पहिया लोहे का बनाया है. साथ ही चक्का फिसले नहीं इसके लिए उस पर टायर का ग्रीप लगा दिया है. वहीं हल को लोहे से तैयार कर अपने खेतों में खेती कर रहे हैं.
विनोद कुमार प्रसाद ने मात्र दसवीं तक पढ़ाई की है लेकिन उनका दिमाग किसी इंजीनियर से कम नही है. इसका प्रमाण यही है कि जो ट्रैक्टर बड़े-बड़े इंजीनियर अच्छी खासी रकम लेकर कई महीनों में तैयार करके शोरूम में लाते हैं. उसी ट्रैक्टर को सीवान के किसान विनोद ने कुछ ही दिनों में अपने जुगाड़ टेक्नोलॉजी के माध्यम से तैयार कर दिया. वह इसी से खेती भी कर रहे हैं और पैसे भी कमा रहे हैं.